
रायपुर: प्रदेश में चुनाव संपन्न हुए अब तीन महीने पूरे होने को हैं। नई सरकार ने अपना पहला बजट भी पेश कर लिया और कई चुनावी वादों को भी पूरा कर लिया। सरकार गठन जैसी चुनौती भरी प्रक्रिया के बाद भाजपा की नजर प्रदेश भाजपा संगठन की तरफ घूम चुकी हैं। (New BJP In-charge of Chhattisgarh) कुछ महीनों बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आलाकमान अब प्रदेश संगठन में बड़े बदलाव की तरफ बढ़ रही हैं।
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नहीं रहेंगे प्रभारी
जिम्मेदारी में बदलाव होने पर उन्हें छत्तीसगढ़ छोड़ना पड़ेगा। उम्मीद जताई जा रही हैं कि उनका कामकाज सह प्रभारी नितिन नबीन संभालेंगे। ओम माथुर पिछले साल जुलाई में छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रभारी बनाये गए थे। उन्हें डी पुरंदेश्वरी की जगह प्रदेश प्रभारी की कमान सौंपी गई थी। यह दौर भाजपा के लिए काफी कठिन था और तब प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ किसी तरह की नाराजगी भी नहीं थी। भाजपा का संगठन उदासीन था और गुटबाजी, मतभेद जैसी समस्याओं से जूझ रहा था। लेकिन माथुर के प्रभारी बनते ही छग भाजपा फिर से सक्रिय हुआ।
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छत्तीसगढ़ में जीत सबसे चुनौतीपूर्ण
महज एक साल के भीतर ही ओम माथुर ने संगठन में जान फूँकते हुए इसे नए सिरे से खड़ा किया। यही वजह रही कि पार्टी ने न सिर्फ चुनाव में जीत हासिल की बल्कि सीटों के अपने सभी पुराने रिकार्ड भी तोड़ दिए। छत्तीसगढ़ के चुनाव को सभी पांच राज्यों के चुनावों में से कठिन और चुनौतीपूर्ण माना जा रहा था। (New BJP In-charge of Chhattisgarh) इस बात को खुद भाजपा के शीर्ष नेताओं ने भी स्वीकार किया हैं। लेकिन ओम माथुर ने जिस तरह से शीर्ष नेताओं के मार्गदर्शन में प्रदेश की टीम के साथ रणनीति तैयार की और उसे धरातल पर उतारा यह खुद बीजेपी के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। बहरहाल अब सवाल यह भी पूछे जा रहे हैं कि ऐसे ओम माथुर की जगह किसे भाजपा का नया प्रदेश प्रभारी बनाया जाएगा? क्योकि नए प्रभारी के पास लोकसभा इलेक्शन में अपने पुराने प्रदर्शन को दोहराने और ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दिलाने की जवाबदारी होगी।