Saturday, July 6, 2024
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मानवता की नई मिसाल पेश कर रहे हैं गरियाबंद के युवा, बेसहारा बुजुर्गों को वृद्ध आश्रम में देख, युवाओं ने किया ऐसा काम

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मानवता की नई मिसाल पेश कर रहे हैं गरियाबंद के युवा, बेसहारा बुजुर्गों को वृद्ध आश्रम में देख, युवाओं ने किया ऐसा काम

गरियाबंद, गर्मी में राहत पहुचाने के लिए चार कूलर दिया । इस भीषण गर्मी में जंहा लोगो का जीना मुहाल हो रहा वही पंखे के सहारे बुजुर्गो की दिनचर्या चल रही थी ।
गरियाबंद के इन युवाओं ने पेश कर रहे है मानवता की मिशाल, उल्लेखनीय है कि नगर के समीपस्थ ग्राम भिलाई में बुजुर्ग महिला व पुरुषों के रहने के लिए समाज कल्याण विभाग के सहयोग से व प्रेरक स्वयं सेवी संस्था के सफल संचालन किया जा रहा है ।बीते कुछ दिनो पहले नगर के एक पार्षद ने इस वृधा आश्रम में बुज़र्गो के अपना जन्मदिन मनाया जन्मदिन मनाने आए युवाओं ने जब बुज़र्गो से बात किया तो उन्हें ये महसूस हुआ की इनके साथ समय व्यतित करना चाहिए इनकी जीवन में हो रही कमियो को पूरी करनी चाहिए सभी युवाओं ने मिल कर एक टीम गठित किया और सभी युवा संगठित हो कर बुजुर्गों को सेवा प्रदान करने के लिए एक कदम आगे बढ़ाया

पहले तो उन्होंने वृद्धाश्रम की सबसे बुजुर्ग महिला गीता एवं दिव्यांक बच्चे धनराज,यशकुमार,गगन,डिगेंद् के साथ काटा केक बुज़र्गो का सम्मान करते हुए महीलाओ को साड़ी बाटी और पूर्षओ को कपड़े बाटे साथ ही स्वल्पाहार करवाया गया साथ ही वह रह रहे बुजुर्गों से।वादा किया कि अब वो खुद को अकेला ना समझे ये 30 बच्चे अब आपके बच्चे है ये हमेशा आपके सेवा में तत्पर रहेंगे आप को जब जिस चीज़ की ज़रूरत होगी आप बेझिझक हो कर हमें फ़ोन करे, एक बेहद ही भावुक कर देने वला पल था जब युवाओं को एक बुजुर्ग ने आशीर्वाद देते हुए नम आँखो से कहा मेरे परिवार से बढ़ कर एक परिवार मिला खून के रिश्ते तो काम ना आ सके बेगानो ने हम बुज़र्गो की सुविधाओं की ज़िम्मेदारी ली देख कर ख़ुशी हुई

खिल उठे जब दिव्यांक बच्चों के चेहरे

इस अवसर पर एस डी ओ पी पुष्पेंद्र नायक ने यंहा निवासरत दिव्यांग बच्चे धनराज,यशकुमार,गगन,डिगेंद्र को टी शर्ट प्रदान किया साथ ही उन्हें खेलने के लिए एक फ़ुटबाल भी दिया ,

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युवाओं ने दिया एक संदेश

हमारे बुजुर्ग हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जो हमें जीवन भर अपने ज्ञान और अनुभव के साथ मार्गदर्शन करते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से, आज की पीढ़ी उनके साथ ठीक से व्यवहार नहीं करती है। आधुनिक पीढ़ी बड़ों को अपने ऊपर बोझ समझती है और उन्हें क्या चाहिए यह पूछे बिना वृद्धाश्रम भेज देती है। वृद्धाश्रम का निर्माण वरिष्ठ नागरिकों के लिए अपने अन्य साथियों के साथ रहने और आनंद लेने के लिए किया जाता है, लेकिन लोगों ने इसे बुजुर्गों के तथाकथित ‘बोझ’ से छुटकारा पाने का एक तरीका माना है। समस्या का समाधान हमारे अलावा कोई नहीं है। अगर हम जैसे आम लोग अपने वरिष्ठों को बोझ समझना बंद कर दें और उन्हें वह सम्मान और मूल्य देना शुरू कर दें जिसके वे हकदार हैं, तो हम समझेंगे कि वे बोझ के बजाय हमारे लिए कैसे एक आशीर्वाद हैं। हमें उनके साथ बिताने के लिए कुछ समय निकालने की कोशिश करनी चाहिए और उन्हें खुश करने की कोशिश करनी चाहिए। बच्चों को अपने दादा-दादी के साथ कुछ समय बिताना चाहिए जिससे बड़े खुश होंगे और बच्चे उनसे नैतिक मूल्यों को सीखेंगे जो जीवन भर उनकी मदद करने के लिए एक मूल्यवान उपहार होगा। हमारी तरफ से बस कुछ छोटे कदम बड़ों को खुश और वांछित महसूस कराएंगे।

ख़ुदा करे वो लम्हा कभी ख़त्म ना हो जिस लम्हे में हमारे माँ बाप मुस्कुरा रहे हो- ग़फ़्फ़ु मेमन

अपने प्यार का इजहार करने के लिए समय निकालें, बुजुर्गों के प्रति सम्मान-
जी॰डी॰ उपासने

आपके साथ भी वही होगा जो आपने अपने बुजुर्गों के साथ किया- सुब्रत पात्र

‘बुजुर्गों की देखभाल करना अपने आप में एक इनाम’- अफ़रोज़ मेमन

माता पिता वो हस्ती है जिसके पसीने के एक बंद का क़र्ज़ भी औलाद चुका नहि सकती- अख़्तर खान

कुछ पल बुज़र्गो के साथ गुज़ारो यारों हर चीज़ गूगल पर नहि मिलती- इम्मु मेमन

सुखी होना चाहते हो तो बुज़र्गो के पाँव दबाओ धरती पे जन्नत का अहसास होगा- मनीष देवांगन

बुज़र्गो के साथ समय बिताना एक सुखद अनुभव- जीतूँ सेन

मुझे छाओ में रख खुद जलता रहा धूप में मैंने देखा एक फ़रिश्ता अपने माता पिता रूप में- रिंकु मोहरे

दुनिया का सबसे फ़ायदेमंद सौदा बुज़र्गो के पास बैठना है चंद लम्हों में वो आपको बरसो का तजुर्बा दे देते है – मोनु तिवारी

मेरे चेहरे ओर चमक लाते लाते मेरे पिता चेहरे पर झूरिया आ गई , हमारे बुजुर्ग हमारे धरोहर – योगेश देवांगन

बुजुर्गों को साथ रखो अपने किसी बुरे साये का असर नहि होगा, ईंटे महफ़ूज़ नहि रख पाएगी तेरी नई नस्ल को दिवार ही गिरा दोगे तो घर, घर नहि होगा-प्रकाश सरवैय्या

ज़िंदगी ख़ुशियों का वो गुलदस्ता है जो बुज़र्गो की दुआओ से और भी महक उठती है- अमित ठक्कर

एक समझदार बुजुर्ग क आपको छोड़ कर चले जाना का मतलब होता है, एक लाइब्रेरी का जल कर ख़ाक हो जाना-ललित साहू

मकान की ऊँचाई पर मत जाओ घर के बुजुर्ग अगर हंसते हुए मिले तो समझ लेना ते घर अमीरों का है- प्रीत सोनी

बुज़ुर्गों का आशीर्वाद ज़ाया कहा होता है ठंडक वह भी होती है सूखे पेड़ का साया जहां होता है , क्षितज गुप्ता

माता पिता की जितनी ज़रूरत हमें हमारे बचपमन होती है, उतनी ही ज़रूरत उनको बुढ़ापे हमारी होती है- सोहेल मेमन

जब हाथ आसमाँ तक ना पहुँचे तो एक बार बुज़र्गो के चरण स्पर्श ज़रूर करना- अफ़रोज़ खान अधिवक्ता

जिन्हें घर के बुजुर्ग बोझ लगने लगे वो बस इतना याद रखना जिनके पैरो में अब दर्द रहता है उन्होंने कभी आपको चलना सीखाया है- अनुराग केला

माँ बाप कभी नहि कहते हमें खुश रखना वो तो सिर्फ़ कहते है तुम हमेशा खुश रहना- छगन यादव

माँ बाप का हाथ पकड़ कर रखिए लोगों के पाँव पकड़ने की कभी ज़रूरत नहि पड़ेगी- रितिक सिन्हा

ना ज़रूरत उसे पूजा और पाठ की जिसने सेवा करी अपने माँ बाप की – प्रह्ललाद यादव ( गुनचु)

माँ बाप की तकलीफ़ों को कभी नज़र अन्दाज़ मत करना, ये जब बिछड़ हाते तो रेशम के तकिए भी नींद नहि आती- युगल शर्मा

में आज जो कुछ भी हूँ, जो कुछ भी होऊंगा, इसके लिए में मेरी प्यारी माँ का अहसानमंद हूँ। एक माँ, वह है जो अन्य सभी की जगह ले सकती है, लेकिन एक माँ की जगह कोई और नहीं ले सकता।- कादर खान

कभी कठनाइयो में जब हमारी जान आती है, बुजुर्गों की दुआ उस वक्त काम आती है. घर परिवार की शान है बुजुर्ग- संजू कश्यप

इनका रहा सहयोग- ग़फ़्फ़ु मेमन जी॰डी॰ उपासने तेजपाल कुकरेजा विकास रोहरा सुब्रत पात्र आबिद ढेबर रितिक सिन्हा अफ़रोज़ मेमन योगेश देवांगन जीतूँ सेन रिंकु मोहरे इम्मु मेमन प्राकाश सरवैय्या ललित साहू मोनु तिवारी अमित ठक्कर अख़्तर खान जैनमुनिव बागर्ति अफ़रोज़ खान अधिवक्ता कादर खान युगल शर्मा दीप सिन्हा प्रीत सोनी वैभव ठक्कर छगन यादव क्षितिज गुप्ता मनीष देवांगन प्रह्लालाद यादव गुनचु यादव संजू कश्यप अतुल गुप्ता

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