Friday, July 5, 2024
HomeChhattisgarhSCERT की एक चूक से लटका एमएड प्रवेश का मामला, जाने क्या...

SCERT की एक चूक से लटका एमएड प्रवेश का मामला, जाने क्या है वजह

- Advertisement -

एससीईआरटी के अधिकारियों की चूक से शिक्षकों को न केवल घर बैठना पड़ गया बल्कि सरकार को दो साल से उन्हें बिना काम किए वेतन देना पड़ रहा है। दरअसल, यह पूरा मामला 2020 में M.Ed भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है जिसमें रोक लगी हुई है। 2020 में एससीईआरटी द्वारा रायपुर और बिलासपुर के शासकीय कॉलेजों एम एड प्रवेश के लिए अधिसूचना जारी करते हुए शिक्षकों से आवेदन मंगवाए गए थे और उनका परीक्षा होना प्रस्तावित था लेकिन बाद में कोरोना के बढ़ते हुए प्रभाव को देखकर परीक्षा के बजाय प्रतिशत के आधार पर प्रवेश का नियम निर्धारित किया गया और इसी नियम के आधार पर रायपुर और बिलासपुर कॉलेज में प्रवेश के लिए सूची जारी की गई।

इस सूची में रायपुर के आईसीटी कॉलेज में फॉर्म भरे एक शिक्षक भागवत प्रसाद सोनी का प्रतिशत के आधार पर चयन नहीं हो पाया जिससे नाराज होकर उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और उनके वकील ने यह दलील दी कि “खेल का नियम खेल के बीच में नहीं बदला जा सकता।” विभाग ने जब अधिसूचना जारी की थी तब परीक्षा के आधार पर चयन किया जाना था लेकिन बाद में वह प्रोसेस ही बदल दिया गया और इसे लेकर ही आपत्ति दर्ज कराई गई थी जिसके बाद न्यायालय ने ICT कॉलेज में एम.एड में भर्ती प्रक्रिया पर ही रोक लगा दी । 2021 में विभाग द्वारा कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई और इस साल 2022 में फिर से शिक्षकों से आवेदन आमंत्रित किए गए जिसके बाद इस मामले में फिर से एक बार सुनवाई हुई और न्यायालय ने अगली सुनवाई यानी 7 जुलाई तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है ।

2020 के शिक्षक भी लटके हुए हैं अधर में ! 

यह पूरी स्थिति विभाग के कारण बनी लेकिन इसमें सजा 2020 के उन शिक्षकों को भी मिल रही है जिनका चयन होकर भी लाभ नहीं हो सका है । भागवत प्रसाद सोनी के लगाई गई आज का के बाद शिक्षक आज भी घर बैठे यह इंतजार कर रहे हैं कि इस मामले का निर्णय हो और उनका M.ED प्रारंभ हो , गौरतलब है कि पिछले 2 साल से शिक्षक घर में बैठे हुए हैं क्योंकि उन्हें स्कूल द्वारा M.ED के लिए रिलीव किया गया था और उनकी स्थिति ऐसी है कि वह न तो कॉलेज के हो पा रहे हैं और न ही स्कूल के…. अपनी M.ED की पढ़ाई के लिए उन्होंने भी याचिका लगाई है लेकिन मामला लंबित है ऐसे में M.ED में चयनित शिक्षक भी परेशान है ।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments