Wednesday, July 3, 2024
HomeBusinessरेल्वे आरक्षण टिकिटों की कालाबाज़ारी रोकने व रेल्वे की आय बढ़ाने हेतु...

रेल्वे आरक्षण टिकिटों की कालाबाज़ारी रोकने व रेल्वे की आय बढ़ाने हेतु सुझाव

- Advertisement -

To
The Rail Minister
Govt.of India
New delhi

Sir ,
When we check PNR status even before 4 hour before schedule departure of train your website display chart not prepared.

We suggest as we can check vacant seats. Online after departure of train also.

Why not your web site during PNR status check display chart preparation time with date say 16:20 hours (+-10 minutes) 21/02/202.This will help passenger to know adject time of preparation of chart and also reduce the minimum 10% load on server.

[shortcode-weather-atlas selected_widget_id=f03e2a1b]

एक तरफ राज्य सरकारें करोड़ों की संख्या में नागरिकों को स्मार्ट मोबाइल फोन मुफ्त में बाट रही है ।
वही अत्यन्त खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि भारतीय रेल के पास ऑनलाइन पैसेंजर रिजर्वेशन की सारी आधुनिक टेक्नोलॉजी व नेटवर्क होंने के बावजूद अपने TTE को ऑनलाइन रिजर्वेशन के लिये ऑनलाइन रिजर्वेशन टिकट इससुइंग मशीन / टैबलेट कंप्यूटर या स्मार्टफोन केवल इस लिये उपलब्ध नही करा रहा है कि उसकी मनसा चलती ट्रेन में रिजर्वेशन टिकट अलॉटमेंट में व्याप्त भरस्टाचार को समाप्त करने को बिल्कुल नही दिखाई पड़ती है।

सुझाव

(1)भारत मे 12617 ( गूगल पर उपलब्ध आकड़ो के अनुसार) ट्रैन प्रति दिन चलती है। अगर एक ट्रेन में एवरेज 5 TTE के हिसाब से 63085 TTE सेवा में होंगे अर्थात अधिकतम 63085 टेबलेट PC की जरूरत होगी वर्तमान में अच्छी कंपनी अधिकतम ₹ 8000 के हिसाब से ₹ 50 करोड़ की आवस्यकता होगी जो भारतीय रेल की एक मामूली सी रकम है केवल इक्छा शक्ति की जरूरत है।

(2) अगर सभी TTE को चलती ट्रेन में रिजर्वेशन टिकेट allot करने लिये टेबलेट PC उपलब्ध करा दिए जाते है तो TTE को एवरेज संख्या को 5 की जगह 3 की जा सकती है। अर्थात 12617X3 =37851 टेबलेट PC की ही जरूरत होगी X8000=₹30 करोड़ के बजट की जरूरत ही जरूरत होगी।

(3) ऐसा करने से 12617X2=25237X₹50000( TTE की एवरेज मासिक सैलरी)=₹126 करोड़ मासिक सैलरी की बचत होगी ऐसा कर चलती ट्रेन में रिजर्वेशन देने में व्याप्त भरस्टाचार को पूर्णतह: समाप्त किया जा सकता है। TTE को केवल उपलब्ध वकेटेन्ट सीट को ऑनलाइन मार्क करना होगा। जैसा सभी जानते है आज के डेट में रिजर्वेशन श्रेणी में सफर करने वाले 80 से 85% यात्रियों के पास स्मार्ट फ़ोन है । ऐसा करने से वे ऑनलाइन current बुकिंग में जा कर सीटो को उपलब्धता के हिसाब से स्वयं भी रिजर्वेशन बुक कर सकते है । या TTE की मदद भी टैबलेट PC से भी टिकट बुक कर सकते है । इस तरह सीट बुकिंग का भी अधिकतम उपयोग ट्रैन के सोर्स स्टेशन से छूटने के बाद भी किया जा सकता है ।

 

ऐसा कर रिजर्वेशन प्रक्रिया को पूर्णतः पारदर्शी बनाने के साथ साथ राजस्व को भी बढाया जा सकता है।

(1)तत्काल टिकिटों को कालाबाज़ारी रोकने के लिये तत्काल टिकट के कोटे को 2दिन पूर्व 50% प्रति दिन के हिसाब से जारी किया जाना चाहिये ।

(2) VIP कोटे के टिकट का किराया तत्काल टिकट के बराबर लिया जाना चाहिये ऐसा कर प्रति वर्ष करीब ₹200 करोड़ का अतरिक्त राजस्व के साथ साथ VIP कोटा टिकट का दुरुपयोग भी रोक जा सकता है।

(3)रेलवे विभागीय पास छुट्टी में सैर के लिये जारी करता है । उसकी बजाय यात्रा पूरी करने के बाद बिल सबमिट कर रेबर्समेंट की सुविधा अपने कर्मचारियों व अधिकारियों को उपलब्ध करानी चाहिए इससे गैर जरूरी यात्राओ पर काफी हद तक लगाम लगेगी ।

ऐसा तत्काल करना समय की आवश्यकता/ मांग है।

(4)जैसे ही जब तत्काल का कोटा फुल हो जाता है तो तुरंत अपने आप कंप्यूटर सिस्टम रन कर सीटों का आबंटन जारी कर टिकटो की कालाबाजारी करने में काफी हद तक रोक लगाई जा सकती है ।

तत्काल कोटा फुल होने पर सिस्टम रन करने से यात्रियों को अपने रिजर्वेशन को स्थिति 4 से 36 घंटे पहले पता चल जावेगी (जो वर्तमान में करीब 4 धंटे पहले चार्ट बनने के पहले पता चलती है।

ऐसा करने से रेलवे को राजस्व का कोई नुकसान नही होगा बल्कि अतरिक्त राजस्व ही मिलेगा खाली पडी सीटों की तत्काल कोटा के तहत बुकिंग के रूप में । इसपर सभी स्टैक होल्डर्स को तत्काल गंभीरता से विचार कर रिजर्वेशन सॉफ्टवेयर में जरूरी बदलाव करना समय की मांग है।

(5)घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये लंबी दूरी की ट्रेनों की एवरेज स्पीड को कम 30 KM प्रति घंटे तत्काल बढ़ानी पड़ेगी। ताकि रेललाइनों के वर्तमान इंफ्रास्ट्रक्चर पर बिना किसी अतरिक्त निवेश व अतरिक्त ऑपरेटिंग लागत बढ़ाए बिना ही 10 से 15% अतिरिक्त लंबी दूरी की मिरर ट्रेनो की रेक को चलाया जा सके ऐसा कर ही तत्काल यात्रियों की मांग को आसानी से पूरा किया जा सकता है।

(6)साथ ही दिन में सुबह 7 बजे से शाम 8 बजे तक गंतव्य पर पहुचने वाले स्टेशनों के लिए स्लीपर क्लास में (9×2)=18 सीट x11 कोच =198 यात्रियों लोवर birth पर 3 की जगह 4 लोगो के लिये बैठने के लिये केवल वेटिंग टिकट धारियो को अलॉट कर काफी हद तक यात्रियों को आसानी से राहत के साथ साथ घरेलू पर्यटन व होटल उधोग को बूस्ट दिया जा सकता है। देश को घरेलू अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने व निवेशकों व उद्यमियों का पुनः विस्वास लौटे इस हेतु ये कदम तत्काल उठाने की अवसक्ता है ।

(7)साथ ही ट्रेनों में अरक्छित सीटों, कोच व रेलवे रैक को तत्काल बढ़ा कर ही घरेलू पर्यटन व तीर्थ यात्रायों को बढ़ावा दिया जा सकता है। आज जितनी आसानी से विदेश में सैर सपाटे व छुटी बिताने के लिए पासपोर्ट बन जा रहा है ।इसकी हतोउत्साहित करने की जरूरत है। जिससे बिदेशी मुद्रा रिज़र्व भी कोई दबाव महसूस न हो।

(8)साथ ही घरेलू पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिये विशेष कर जम्मू कश्मीर ,हिमाचल छेत्र व नार्थ ईस्ट छेत्र में पर्यटन उधोग को रियायते व निवेश प्रोत्शाहन योजनाये तत्काल लानी होगी ।

Please acknowledge the receipt of this mail and do needful on suggestion.

Vijay Goyal
Raipur 492001 ( chattisgarh)
Contact 9301704200
vkgryp@yahoo.co.in

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments