
Raipur news : लोग अपने जीवन मे कमाने और एक स्वस्थ और संतोषजनक जीवन जीने के लिए दिन रात काम करते है। लेकिन कुछ स्थितियों में कार्यस्थल लोगों को व्यावसायिक बीमारी के खतरे से भी खरेद सकता है। ऐसा ही एक मामला NHMMI नारायणा हॉस्पिटल के पास आया। जहां 35 वर्षीय मजदूर नारायण में सिलिकोसिस नामक फेफड़ों की एक लम्बे समय से चल रही बीमारी का पता लगाया गया। बता दे यह बड़ी मात्रा में एक क्रिस्टलाइन सितिका धूल को साँस लेने से उत्पन्न होती है।
विभिन्न उपचार प्रयासों के बावजूद उसकी स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही थी और उसके फेफड़ों का प्रत्यारोपण कराने के “अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था। एक कड़ी छानबीन के बाद मरीज को ट्रांसप्लांट के लिए तैयार किया गया। इस ट्रांसप्लांट में करीब 20 लाख तक का खर्चा आता है। लेकिन NHMMI नारायणा की टीम और छत्तीसगढ़ सरकार ने मरीज की मदद की और उनका लंग्स ट्रांसप्लांट किया जा सका है। अब तक किसी भी लंग्स या हार्ड ट्रांसप्लांट के लिए दूसरे राज्यो में जाना होता था। पर अब यह रायपुर में NHMMI नारायणा में सम्भव हो गया है।