
मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या विष्णु देव साय ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम सब एक आंगन, एक छत के नीचे खुशियों को मिलकर बांटकर जीने के लिए आज यहां न जाने कहां- कहां से एकत्रित हुए हैं।
छोटे बच्चों को बहुत शुभकामनाएं जो बहुत ही अच्छे तरीके से अपनी परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। मैं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूं।
आप सभी के स्नेह और प्यार की वजह से आज साय जी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हैं। हमारी उच्च शिक्षा की देन है कि हम आज यहां इस मंच पर बैठे है, आपको कर्म अच्छा करना है तो धर्म से जुड़े रहना होगा। राम कल भी थे, राम आज भी हैं और राम कल भी रहेंगे।
धर्म के पथ पर चलकर ही हम कंवर समाज अस्तित्व बचाए रख सकते हैं। अपनी संतानों को सुविधाओं के साथ संस्कार भी दीजिए। हम मोदी जी की गारंटी को घर-घर तक पहुंचाएंगे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पूर्व मंत्री श्री ननकीराम कंवर ने कहा कि मैं पांचवी कक्षा में हॉस्टल में रहता था तो रामायण पढ़ता था। हमारे समाज में शराब को जहर माना जाता है और दूध को अमृत माना जाता है।
उन्होंने कहा कि समाज के लोगों में नशे के प्रति जागरूकता आए तो समाज और ज्यादा तरक्की करेगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्री नंद कुमार साय ने कहा कि कंवर समाज को कहीं कुरूवंशी तो कहीं कौरव लिखा जाता है। मैं विचार करता हूं कि हमारी उत्पत्ति कहां से है, ये महाभारत से निकल कर आता है। ऐसा कहते हैं कि कुछ बच गए थे जो घूमते घूमते जंगलों में चले गए बाद में स्थापित हुए।
उन्होंने हमारे दो महान आदर्श हैं, श्री राम चरित्र की दृष्टि से आदर्श हैं। एक दूसरे हैं जो भगवान कृष्ण हैं। इनको जगत गुरू कहा गया है। राम हमारे आदर्श हैं तो कृष्ण हमारी नीतियां हैं।
मैं मुख्यमंत्री जी का अभिनंदन करता हूं, आप सभी का दायित्व है कि मिलकर इस सरकार को चलाइए।
ये हम सभी की जिम्मेदारी और चुनौती है। मेरी मांग आदिवासी मुख्यमंत्री की थी जो पूरी हो गयी है। इसको सफल करना हम सभी की जिम्मेदारी है।