Wednesday, April 2, 2025
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आयोग की समझाइश पर सरकारी भृत्य अपने वेतन से पत्नी को 75 प्रतिशत वेतन प्रतिमाह देने तैयार हुआ*

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raipur news  राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य शशिकांता राठौर State Women’s Commission Chairperson Dr. Kiranmayi Nayak and Member Shashikanta Rathore, डॉ अनीता रावटे एवं अर्चना उपाध्याय की उपस्थिति में आज शास्त्री चौक स्थित, राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई।

आयोग की समझाइश पर सरकारी भृत्य अपने वेतन से पत्नी को 75 प्रतिशत वेतन प्रतिमाह देने तैयार हुआ*
आयोग की समझाइश पर सरकारी भृत्य अपने वेतन से पत्नी को 75 प्रतिशत वेतन प्रतिमाह देने तैयार हुआ*

आज एक प्रकरण की सुनवाई में अनावेदक पति गर्ल्स कॉलेज में भृत्य के पद पर कार्यरत है। अनावेदक लगभग 4 माह से आवेदिका एवं 3 बच्चों को छोड़कर अलग निवास कर रहा है। आयोग के समक्ष आवेदिका पत्नी ने बताया कि अनावेदक पति ने बिना मुझसे तलाक लिये दूसरी औरत रखा है। अनावेदक पति ऐसे किसी संबंध से इंकार किया है। पति-पत्नी के मध्य लिखित समझौता भी हो चुका है जिसे पति ने शपथ पत्र बनाकर पत्नी को दिया है। जो अभिलेख में संलग्न है। इस सहमति पत्र के आधार पर अनावेदक अपने वेतन का 75 प्रतिशत हिस्सा लगभग 18 हजार रूपये आवेदिका के बैंक एकाउंट में जमा करना स्वीकार किया है। आवेदिका एवं 3 बच्चों का नाम अनावेदक के शासकीय अभिलेख में होना बताया है। इसका दस्तावेज अनावेदक आयोग में प्रस्तुत करने के निर्देश के साथ प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

इसी तरह एक अन्य प्रकरण में अनावेदक आवेदिका से आर्य समाज में शादी करने के बाद वह मिर्जापुर में जाकर दूसरी शादी करने वाला था।जिसे आयोग के द्वारा फोन किये जाने पर अनावेदक की शादी को रूकवाया गया था। आयोग की सुनवाई के दौरान पता चला कि आवेदिका की दूसरी शादी है और शादी को 7 वर्ष हो चुके है।अनावेदक द्वारा आवेदिका को मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया है। आवेदिका के भरण-पोषण के लिये अनावेदक ने समय की मांग की है। इस प्रकरण के निराकरण हेतु आगामी सुनवाई में प्रकरण को रखा गया है।

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एक अन्य प्रकरण में सास ने बहु के विरुद्ध शिकायत की है जिसमे पति-पत्नी के मध्य महज 4 माह की वैवाहिक पारिवारिक संबंधों में कटुता आ चुकी है। दोनों पक्षों के मध्य की कड़ी आवेदिका का पुत्र है, जो कि आज की सुनवाई में अनुपस्थित रहा उनकी उपस्थिति के बिना इस प्रकरण का निराकरण किया जाना संभव नहीं होने के कारण आगामी सुनवाई में अपने पुत्र को लेकर आवेदिका को उपस्थित होने का निर्देश आयोग द्वारा दिया गया है।

एक अन्य प्रकरण में पति-पत्नी के मध्य वैवाहिक संबंध जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है। दोनों आपसी राजीनामा से तलाक का आवेदन प्रस्तुत करने को तैयार है। इसके पूर्व आवेदिका अनावेदक के घर जाकर अपना शादी का समस्त सामान को लेकर आने के निर्देश आयोग द्वारा दिया गया। इस प्रकरण को निगरानी में रखा गया है जिसे आगामी सुनवाई में निराकृत किया जा सकेगा।
इसी तरह एक अन्य प्रकरण में पति-पत्नी नर्सिंग की नौकरी करते है।आपसी रजामंदी से पहले मंदिर में फिर समाज वालों के कहने पर शादी किया है। एक माह से पति नौकरी छोड़कर गांव में रह रहा है। आयोग की समझाइश पर पति-पत्नी ने अपनी-अपनी लिखित शर्तें प्रस्तुत किये है और अपने पारिवारिक जीवन की नई शुरूवात करने को राजी हुये, इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
आज जनसुनवाई में 21 प्रकरण रखे गए थे जिसमें 3 प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया है।

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