
खेल दिवस के मौके पर ओलंपिक संघ के महासचिव गुरुचरण सिंह होरा ने खिलाड़ियों को किया सलाम, प्रदेशवासियों को दिया फिटनेस का मंत्र
राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर ओलंपिक संघ के महासचिव गुरुचरण सिंह होरा ने दी बधाई, हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को किया याद
श्री होरा ने अपने बधाई संदेश में लिखा, “छत्तिशगढ सरकार खेल को लोकप्रिय बनाने और छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं को समर्थन देने के लिए कई प्रयास कर रही है. मैं सभी से खेल और फिटनेस को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आग्रह करता हूं.”
राष्ट्रीय खेल दिवस पर ओलंपिक संघ के महासचिव गुरुचरण सिंह होरा ने हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद (Major Dhyan Chand) को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने लिखा, ”आज राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर हम मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि देते हैं, जिनका हॉकी स्टिक के साथ जादू कभी नहीं भुलाया जा सकता. यह परिवारों, कोचों और सहायक स्टाफ द्वारा की गई उत्कृष्ट सहायता की सराहना करने का भी दिन है.”
श्री होरा ने आगे कहा, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने खेलो को ले कर अनेक योजनाओं बनाई है जिसमें ख़ास कर पारंपरिक खेल खेलगढ़ियाँ खेल मडाई जैसे भव्य खेलो का आयोजन लगतार किया जा रहा है छत्तीसगढ़ सरकार खेल को लोकप्रिय बनाने और छत्तिशगढ में खेल प्रतिभाओं को समर्थन देने के लिए कई प्रयास कर रही है. मैं सभी से खेल और फिटनेस को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आग्रह करता हूं. ऐसा करने के कई फायदे हैं. हर कोई खुश और स्वस्थ हो सकता है.”
बता दें कि भारत में खेलों के इतिहास में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद (Major Dhyanchand) का नाम बेहद खास है. आज उनकी 116वीं जयंती है. उनकी जयंती पर देश में राष्ट्रीय खेल दिवस भी मनाया जाता है.
श्री होरा ने कहा- खेलो के प्रति खिलाड़ियों का सम्मान, छिपी प्रतिभा को ढूंढना, एथलीटों की सफलता के लिए परिवारों, कोचों और सहयोगी स्टाफ के उत्कृष्ट समर्थन की सराहना करने के लिए हर साल राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। इसके अलावा ये दिवस अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए शारीरिक गतिविधि और खेल के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हाॅकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 29 अगस्त को ‘राष्ट्रीय खेल दिवस 2021’ के रूप में मनाया जाता है।
पूर्व हाॅकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के उत्कृष्ट योगदान की याद में एवं उनके सम्मान के लिए इस साल की शुरूआत में भारत सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर ’’मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार’’ रख दिया है। खेल की भावना न सिर्फ मित्रता बल्कि एक टीम के प्रति एकता की भावना को भी प्रदर्शित करता है। ये शारीरिक मजबूती और मानसिक स्वास्थ्य को विकसित करने में भी मदद करता हैं। खेल के प्रति योगदान से मानव शरीर को मजबूती के साथ उसे सक्रीय बनाता है।