Wednesday, July 3, 2024
HomeBusinessबेरोजगारी और महगाई inflation and unemployment पर नियंत्रण के साथ कानून व्यवस्था...

बेरोजगारी और महगाई inflation and unemployment पर नियंत्रण के साथ कानून व्यवस्था बनाये रखना केवल रीयल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहन देकर ही संभव : विजय गोयल

- Advertisement -
विजय गोयल
विजय गोयल

राजस्व की वसूली सरकार द्वारा शास्ति, पेनल्टी, लेट फीस, ब्याज, आदि लगाकर जोर जबरदस्ती से करी जा रही है जिससे व्यापारी वर्ग हलाकान हो चुका है। और इसके ऊपर इ-कामर्स और बढ़े बढ़े ग्रुप द्वारा रिटेल सेक्टर में कूदना एवं उन्हें सरकारी प्रोत्साहन नीति का लाभ मिलने से छोटे और रिटेल व्यापारी पर भविष्य का संकट उत्पन्न हो चुका है।

साफ है कि व्यापार वृद्धि के लिए बनाई गई सरकारी नीतियां अभी तक कारगर साबित नहीं हुई है और ऊपर से आयातित पेट्रोल डीजल पर निर्भरता ने मंहगाई और बेरोजगारी में आग लगा दी है।

मंहगाई और बेरोजगारी Inflation and Unemployment पर लगाम लगाने हेतु तात्कालिक उपाय / सुझाव

  1. जैसा कि हम सबको मालूम है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि राज्यों को केन्द्र सरकार द्वारा दिया जाना 30जून 2022 से बंद हो जावेगा और ऐसे में जीएसटी काउंसिल के समक्ष जीएसटी दरों को बढ़ाने का विचार चल रहा है जो कि आत्मघाती कदम साबित हो सकता है.
  2. इसके अलावा राज्य सरकारों की शराब की डोर स्टेप पर उपलब्धता और जूए व सट्टेबाजी को प्रमोट कर करों पर निर्भरता समाज के हित में बिलकुल भी नहीं है और असमाजिक गतिविधियों को जन्म देंगी जिससे हमें बचना होगा. खुले आम शराब परोसने की नीति से बच्चो में भी शराब पीने की लत के साथ साथ सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी के साथ सरकार के लिए अन्य दुविधाएं और बढ़ेंगी. ।
  3. यह विडम्बना ही तो है कि एक तरफ सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य government education and health पर खर्च कर रही है तो दूसरी और शराब और जूए की लत बढ़ा रही है.
  4. केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा संचालित व्यापारिक प्रोत्साहन नीतियों और सब्सिडी का सही उपयोग न हो पाना एवं केन्द्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो पाना व्यापारिक वृद्धि दर नहीं बढ़ पाने का मुख्य कारण है और इससे सरकारी राजस्व में एवं रोजगार में बढ़ौतरी नहीं हो पा रही है. राज्य सरकारों को अब यह समझना होगा कि व्यापारिक प्रोत्साहन नीतियां खासकर एमएसएमई के लिए ही लागू कर जीएसटी राजस्व बढ़ाया जा सकता हैं जिससे मंहगाई और बेरोजगारी नियंत्रण में मदद मिलेगी.
  5. गैर जरूरी सरकारी खर्चे को कम करना अब बहुत जरूरी हो गया है. सरकारी आफिस खर्च, गैर जरूरी विभागों को हटाना, गैर उत्पादी योजनाओं को बंद करना, टेक्नोलॉजी और आउटसोर्सिंग का उपयोग कर प्रशासनिक खर्च पर नियंत्रण के साथ बिजली कंपनियों के घाटे को कम करते हुए उनकी उत्पादकता को बढ़ाना, आदि कदमों से राजस्व की कमी को पूरा किया जा सकता है.
  6. रीयल एस्टेट प्रापर्टी _सेक्टर में सुधार की सबसे ज्यादा आवश्यकता है क्योंकि यह न केवल रोजगार का सबसे बड़ा सेक्टर है बल्कि राजस्व की वृद्धि की सबसे ज्यादा यहाँ पर संभावनाएं है._

(a) इसमें सबसे पहले सरकारी प्रापर्टी का कमर्शियल उपयोग कर राजस्व वृद्धि दर्ज की जा सकती है और इसके लिए केन्द्र सरकार के साथ मिलकर राज्य सरकारें नीति बनाए जो समाजिक हितकर हो. आद्योगिक पार्क और कलस्टर के साथ साथ व्यापारिक कॉरिडोर ,व निर्यात बढ़ाने के लिये ड्राई पोर्टस का समयबद्ध तरीके से निर्माण और शुरू करना मुख्य फोकस का क्षेत्र होना चाहिए.।

[shortcode-weather-atlas selected_widget_id=f03e2a1b]

(b) व्यापारिक नीतियों में व्यापारी वर्ग और वित्तीय क्षेत्र से जुड़े विषय विशेषज्ञों को जोड़ना बहुत जरूरी है और समय की आवश्यकता है.

(c) रीयल एस्टेट प्रापर्टी सेक्टर 70 अन्य क्षेत्रों से जुड़े होने के कारण रोजगार का महत्वपूर्ण साधन है और इसलिए प्रापर्टी खरीद फरोख्त पर करों के प्रावधानों को तर्कसंगत, न्यायसंगत और सुधार की बहुत आवश्यकता है.

जब इसके खरीद फरोख्त पर राज्य सरकारों द्वारा स्टाम्प शुल्क लगाया जा रहा है तो फिर इस पर केपिटल गेन आयकर ( इनकम टैक्स) के अन्तर्गत नहीं होना चाहिए.

(d) स्टाम्प शुल्क का युक्त युक्तिकरण समय की आवश्यकता है. अभी हाल ही में महाराष्ट्र सरकार द्वारा विधानसभा में विधेयक पास किया गया जिसके अनुसार अब प्रापर्टी को यदि 3 साल तक में बेचा जाता है तो स्टाम्प शुल्क सिर्फ खरीद बेच के अंतर की राशि पर ही लगेगा. यह एक महत्वपूर्ण नीति है जो रीयल एस्टेट प्रापर्टी सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव सुनिश्चित करेगी.

साफ है यदि सरकारों को महंगाई और बेरोजगारी पर नियंत्रण करना है तो- न तेल, न बिजली, न शराब, सिर्फ और सिर्फ रीयल एस्टेट सेक्टर में है संभावनाएं.

आपको ध्यान होगा जब पूंजी बाजार को बढ़ाने की जरूरत थी अर्थव्यवस्था के उत्थान के लिए तब पिछली सरकारों ने शेयर खरीद फरोख्त में आयकर में छूट देकर प्रोत्साहित किया था और उसका नतीजा यह है कि हमारा पूंजी बाजार आज इतना मजबूत है कि वैश्विक उथल पुथल के बाद भी कंपनियों और निवेशकों का सहारा बना हुआ है और यही जरूरत आज रीयल एस्टेट सेक्टर चाहता है.

हजारों प्रोजेक्ट हमारे देश में रेरा व टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अनुमोदन के लिए महीनों सालों से अटके है. अब समय आ गया है कि सरकार इस क्षेत्र में टैक्स छूट जारी करें, स्टाम्प शुल्कों में सुधार कर दामों में कमी लावें और प्रापर्टी खरीद फरोख्त व किरायेदारी के नियमों को सरल एवं सुलभ कर सरकारी राजस्व में इस क्षेत्र का योगदान बढावें जिससे राजस्व तो बढ़ेगा साथ ही मंहगाई और बेरोजगारी पर भी लगाम कसेगी.

अतः तत्काल रेसिडेंशल/कमर्शियल प्रॉपर्टी जैसे मकान ,दुकान ,गोदाम इत्यादि की एक वर्ष बाद बिक्री से होने वाले कैपिटल गेन को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन मान कर आयकर से पूर्ण छूट दे कर रोजगार व राजस्व को बढ़ाया जा सकता है.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments