Friday, July 5, 2024
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ओलंपिक संघ के महासचिव गुरुचरण सिंह होरा ने प्रदेशवासियों को दी पोला तिहार की बधाई, कहा- पोला तिहार मूल रूप से खेती-किसानी से जुड़ा पर्व है, परम्पराओं और संस्कृति से बच्चों को जोड़ने का अच्छा माध्यम..

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ओलंपिक संघ के महासचिव गुरुचरण सिंह होरा ने छत्तीसगढ़ के प्रमुख लोक पर्व तीजा के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने सभी तीजहारिन माताओं और बहनों के प्रति अपनी शुभकामनाएं प्रकट की है। श्री होरा ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि छत्तीसगढ़ में तीज, त्यौहारों की एक समृद्ध परम्परा है। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति के सरंक्षण और संर्वधन के लिए प्रदेश में हरेली, तीजा, माता कर्मा जयंती, छठ पूजा और विश्व आदिवासी दिवस के दिन न केवल सार्वजनिक अवकाश की शुरूआत की है, बल्कि इन लोक पर्वों के महत्व से आने वाली पीढ़ी को जोड़ने के लिए इन्हें जन सहभागिता से पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में तीजा पर्व का अपना विशेष महत्व है। छत्तीसगढ़ में भादों माह की अमावस्या तिथि को पोला तिहार मनाए जाने के बाद हरतालिका तीजा पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है, महिलाएं तीजा मनाने ससुराल से मायके आती हैं। महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए तीजा पर्व के एक दिन पहले करूभात ग्रहण कर निर्जला व्रत रखती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुहागिन स्त्रियों को शिव-पार्वती अखंड सौभाग्य का वरदान देते हैं, वहीं कुंवारी लड़कियों को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।

छत्तिशगढ के पारंपरिक त्त्यौहारों को जन सहभागिता के जोड़कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ की संस्कृति का संवर्धन एवं संरक्षण करने का प्रयास किया जा रहा है।…होरा

बहनों की स्वागत के लिए तैयार है मुख्यमंत्री निवास

छत्तीसगढ़ में तीज, त्यौहारों की एक समृद्ध परम्परा है। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति के सरंक्षण और संर्वधन के लिए प्रदेश में हरेली, तीजा, माता कर्मा जयंती, छठ पूजा और विश्व आदिवासी दिवस के दिन न केवल सार्वजनिक अवकाश की शुरूआत की है, बल्कि इन लोक पर्वों के महत्व से आने वाली पीढ़ी को जोड़ने के लिए इन्हें जन सहभागिता से पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। स्थानीय त्यौहारों को जन सहभागिता के जोड़कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ की संस्कृति का संवर्धन एवं संरक्षण करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के पारम्परिक त्यौहार और तीज को व्यापक स्तर पर मनाने के लिए मुख्यमंत्री निवास में तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। हरेली पर्व की तरह ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायपुर स्थित निवास पर इन दोनों पारम्परिक त्यौहारों को व्यापक स्तर पर मनाया जाएगा।

पोला और तीज पर्व के लिए मुख्यमंत्री निवास में विशेष तैयारियां की गई हैं और तीज मना रही माताओं और बहनों की स्वागत के लिए ये पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री निवास में छत्तीसगढ़ की परम्परा और रीति रिवाज के अनुसार साज सज्जा की गई है। मुख्यमंत्री निवास में पहले पोला पर्व का आयोजन होगा। इस मौके पर नंदी बैल की पूजा की जाएगी, इसी के साथ ही यहां पर तीजा महोत्सव का भी आयोजन किया जाएगा। तीजा महोत्सव के लिए प्रदेश के विभिन्न स्थानों से तीजहारिन माताओं और बहनों को मुख्यमंत्री निवास के लिए आमंत्रित किया गया है। इस अवसर पर बहनों द्वारा करूभात खाने की रस्म पूरी की जाएगी और छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेलों का आयोजन किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री निवास में चल रहीं ज़ोर शोर से तीजा-पोरा पर्व की तैयारियां

तीन दिनों तक चलने वाले छत्तीसगढ़ के पारंपरिक तीजा- पोरा पर्व का उत्साह अब जोरों पर दिखाई पड़ रहा है। बाजारों में रौनक है और तिजहरिन माता-बहनें, किसान भाई और आम जन इस त्यौहार को पूरे उत्साह के साथ मनाने के लिए तैयारियों में जुटे हुए हैं। तीजा- पोरा पर्व के अवसर पर बीते सालों की तरह इस साल भी 27 अगस्त को सुबह 10.00 बजे से मुख्यमंत्री निवास में भव्य उत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए यहां जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। ठेठ पारंपरिक अंदाज में मुख्यमंत्री निवास के प्रांगण को सजाया जा रहा है। यहां का पूरा माहौल उत्सव के अनुरूप रंग- बिरंगा और हमारी छत्तीसगढ़िया संस्कृति की झलक दिखाता हुआ नजर आ रहा है। ढेर सारी नंदी बैल इस प्रांगण में जगह- जगह सजे नजर आ रहे हैं, जो समृद्धि और खुशहाली का एहसास दिला रहे हैं।

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