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अगर इसे 8% किया जाता है तो बहुत अधिक संभावना टैक्स से बचने के लिए लोग ब्रांडेड वस्तुओं को खुले में बेचना ( अनब्रांडेड) शुरू कर दे । जिससे GST कलेक्शन बढ़ने की बजाय कम होने की संभावना ज्यादा है।साथ ही देश मे महगाई भी चरम पर होगी ।
![बैंकों व सरकारी उपक्रमों का निजीकरण ( निजी हाथों में सौपा जाना) किसी भी समस्या का स्थायी हल नही है](https://i0.wp.com/dailyspringreport.com/wp-content/uploads/2022/03/vijay-goyal.jpeg?resize=474%2C614&ssl=1)
अतः अभी भी समय है कि 5% के स्लैब व आम आदमी के फ़ूड आइटम जो exempted श्रेणी में है के साथ कोई छेड़ छाड़ न करे ।
मीडिया की खबरो के अनुसार exempted श्रेणी केआइटम को राजस्व बढ़ाने के लिये उनपर GST 3% लगाया जा सकता है । वर्तमान में देश मे महगाई चरम पर है। अगर जरूरत है तो केवल वित्तिय प्रबंधन मजबूत करने की । देश मे राजनीतिक पार्टियां द्वारा अपने चुनावी वादों में मुफ्त की सुविधाए देने का वादा करने का दिन प्रतिदिन चलन बढ़ रहा है ।
सरकारो को केवल जो गरीबी रेखा के निचे है व जिनको मिनिमम वेज पर भी रोजगार उपलब्ध नही करा पा रहे है केवल और केवल उन्हे ही मुफ्त बिजली ,पानी व खाद्यान्न सरकार की तरफ से उपलब्ध कराया जाना चाहिये ।
इस श्रेणी में छत्तीशगढ़ में 400 यूनिट तक बिजली बिल योजना में सुधार करने की जरूरत है ।वर्तमान में यह लाभ प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं को उपलब्ध है ।
इसकी समीक्षा की जा कर जिनकी मासिक खपत 400 यूनिट या उससे कम है केवल उन्हें ही बिजली बिल हाफ योजना का लाभ दिया जाना चाहिये । सभी को नही….
इसी तरह पंजाब में 300 यूनिट तक बिजली फ्री की घोषणा भी समझ से परे है।
(1)कुछ सरकारे स्कूटी ,व लैपटॉप ,मोबाइल इत्यादि भी मुफ्त में बॉट रही है क्या यह टैक्स पेयर के टैक्स का सही उपयोग है ……….??????
(2) बिजनेस के उपयोग में आने वाले निजी कारो ( टैक्सी को छोड़ कर) कारो पर डेप्रिसिएशन के लाभ को व ब्याज के लाभ पर भी प्रति वर्ष ₹1.50 लाख each अधिकतम की कैपिंग लगाने की बहुत जरूरत है ताकि बड़े उधोगपति व व्यापारी इस सुविधा को विलासता के लिये बेजा इस्तेमाल न करे ।
और व्यापार की राशि को प्रोडक्टिव कार्यो में निवेश करने के लिये प्रोत्साहित हो।