
durg news : आजादी की 75वी वर्षगांठ के अवसर पर पूरा देश जहाँ अमृत महोत्सव मना रहा है, वही जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग भी इस अमृत महोत्सव में अपनी भागीदारी देते हुए शहर के मुख्य चौक चौराहो पर कमर के बल से घिस घिस कर चलने वाले 4 विकलांग जनोँ को निःशुल्क बैसाखी वितरण किए बैसाखी पाकर अब ये दिव्यांग जन भी शहर में होने वाले अमृत महोत्सव देख पाएंगे..
जन समर्पण सेवा संस्था के अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा बंटी ने बताया कि निःशक्तजन हमारे समाज का ही अंग हैं, उनके कल्याण एवं उन्हे आत्मनिर्भर बनाने की जिम्मेदारी भी हमारी है। जरूरतमंद निःशक्तजनों को इन उपकरणों द्वारा अपनी क्षमताओं में वृद्धि करने में सहायता मिल सकेगी।”
दिव्यांग होना कोई अभिशाप नहीं है वे समाज के ही अभिन्न अंग है। दिव्यांगता अभिशाप नहीं है क्योंकि शारीरिक अभाव को यदि प्रेरणा बना लिया जाए तो दिव्यांगता व्यक्तित्व विकास में सहायक हो जाती है। सोच सही हो तो अभाव भी विशेषता बन जाती है।
जन समर्पण सेवा
जन समर्पण सेवा संस्था द्वारा अमृत महोत्सव के अवसर पर शहर के निःशक्त जनों को बैसाखी वितरण किया गया। गरीब, असहाय, विकलांगों, गौ माता की सेवा से बड़ा कोई भी कर्म नही है। भले ही आज के भौतिकवादी युग में ये बातें किताबी लगती हो, मगर आज भी समाज में ऐसे लोग मौजूद है, जिन्होनें मानवता की सेवा को ही अपने जीवन का उद्देश्य बना रखा है।
जन समर्पण सेवा संस्था गरीब, असहाय, भूखों एवं विक्षिप्त लोगों को खाना खिलाने, दिव्यांग जनोँ को ट्रायसिकल, व्हीलचेयर, बैसाखी, कम्मोट चेयर, मेडिकल पलंग एवं उनकी हरसम्भव सहायता करने का कार्य विगत 5 वर्ष 7 माह से लगातार करती आ रही है।
जन समर्पण सेवा
इस वर्ष देश मे बनाये जाने वाले अमृत महोत्सव के अवसर पर संस्था के सदस्यों की उपस्थिति में 4 निःशक्त जन जो बहुत दिनों से घिस घिस के चल के अपना जीवन यापन करते है उन्हें बैसाखी वितरण किया गया,
संस्था के युवा सदस्यों द्वारा अपने कर्म क्षेत्र दुर्ग रेलवे स्टेशन में सभी निःशक्त जनों का दिव्यांग दिवस के अवसर पर माला पहनाकर स्वागत किया गया ततपश्चात संस्था के सदस्यों द्वारा सभी विकलांग जनोँ को तिरंगा वितरण किया गया, ये निःशक्त जन अब शहर में अलग अलग स्थान जाकर अपना जीवन यापन कर सकते है, साथ ही साथ शहर में बनाये जाने वाले अमृत महोत्सव की झलकियां देख पाएंगे.