Saturday, July 6, 2024
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Covid 19: भारत में लोगों की कम हुई प्रतिरोधक क्षमता, अब कोरोना तेजी से होगा आक्रामक

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corona virus: भारत के लोगों में प्रतिरोधक क्षमता के घटते स्तर ने एक बार फिर से लाेगाें की चिंता बढ़ा दी है. कोविड की नई लहर आ सकती हैं और इससे निपटने के लिए भारत को उच्च वैक्सीन कवरेज के साथ-साथ एक मजबूत रोग निगरानी की आवश्यकता है. ये बात डब्ल्यूएचओ (WHO) की क्षेत्रीय निदेशक, दक्षिण-पूर्व एशिया, डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कही. देश में वर्तमान में कोविड मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में शनिवार को 6,155 नए कोविड-19 संक्रमण दर्ज किए गए है. सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 31,194 हो गई है. पिछले साल 16 सितंबर के बाद पहली बार दैनिक मामलों ने 6 हजार का आंकड़ा पार किया है.

कुल 14 माैते हुई

देश में कुल 14 मौतें हुईं हैं. महाराष्ट्र में तीन, कर्नाटक, राजस्थान में दो-दो, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब में एक-एक मौत हुई हैं. आईएएनएस से बात करते हुए, डॉ. सिंह ने संक्रमण में वृद्धि से निपटने के लिए लोगों को बूस्टर खुराक लेने और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की आवश्यकता हैं.

तेजी से हाे रही वृद्धि

डॉ. सिंह ने अस साक्षात्कार में कहा कि पिछले छह महीनों में कुछ देशों में संक्रमण में वृद्धि देख रहे हैं, हालांकि अस्पताल में भर्ती होने, गहन देखभाल या मृत्यु दर में वृद्धि नहीं है. जैसे-जैसे वायरस फैलना और विकसित होना जारी है. हम संक्रमण की लहरें देखते रहेंगे, हालांकि इन लहरों के पहले जितने बड़े होने की संभावना नहीं है, क्योंकि टीकाकरण से हमारे लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी है. जैसे-जैसे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है, हम संक्रमण की नई लहरों की भी उम्मीद कर सकते हैं. हम इसके प्रभाव को मजबूत रोग निगरानी, उच्च टीका कवरेज, और अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों को अधिक लचीला बनाकर नियंत्रित कर सकते हैं.

उन्हाेंने कहा कि गंभीर बीमारी और मृत्यु को रोकने के लिए कोविड के खिलाफ हमारी लड़ाई में टीकाकरण एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यहां तक कि उन समुदायों में भी जहां कोविड-19 संक्रमण की उच्च दर का अनुभव हुआ है, टीकाकरण और बूस्टर रोग के खिलाफ सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करते हैं. भारत अब तक 2.2 बिलियन से अधिक खुराक दे चुका है, जो देश के आकार को देखते हुए एक प्रभावशाली उपलब्धि है, जबकि वैक्सीन रोलआउट धीमी गति से शुरू हुआ. इसने अक्टूबर 2021 में देश में एक बिलियन खुराक को पार करने और जुलाई 2022 में रिकॉर्ड 18 महीनों में दो बिलियन का आंकड़ा पार करने के साथ गति पकड़ी.

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बच्चों और किशोरों में संक्रमण का कम जोखिम

डॉ. सिंह ने कहा कि बच्चों और किशोरों को आम तौर पर संक्रमण का कम जोखिम होता है और यदि वे संक्रमित हो भी जाते हैं, तो ज्यादातर मामलों में ये एक हल्की बीमारी होने की संभावना है. हालांकि, सह-रुग्णता या मोटापे वाले बच्चों और किशोरों को अधिक जोखिम होता है और उन्हें टीका लगाया जाना चाहिए और प्राथमिक श्रृंखला टीकाकरण और एक बूस्टर खुराक प्राप्त करना चाहिए. उन्हाेंने कहा कि हम कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के एक निर्णायक चरण में हैं और अब हमें महामारी को समाप्त करने और वायरस को पीछे छोड़ने में सक्षम होने के लिए पहले से कहीं अधिक साथ काम करने की आवश्यकता है.

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