
Chanakya Niti : चाणक्य नीति का शांति से जीवन बिताने के लिए किसी भी विवाद में नहीं पड़ना चाहिए। लेकिन जाने- अनजाने में कुछ लोगों का मामला उलझ ही जाता है। लेकिन चाणक्य नीति कहती है कि शास्त्रों में वर्णित 9 प्रकार के लोगों से भूलकर भी दुश्मनी नहीं करनी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति इनसे बुराई लेने की जुर्रत करता है तो उसे पराजय मिलना तय है। कई राजा-महाराजा भी ऐसे लोगों से अनजाने में विरोध कर अपना राज-पाट गंवा चुके हैं। आचार्य चाणक्य नीति की बहुत सी बातें ऐसी हैं जो आज भी विचार करने पर मजबूर कर सकती हैं।
1 – शस्त्री :
जिसके हाथ में शस्त्र यानी हथियार हो उससे विरोध या झगड़ा नहीं करना चाहिए। क्योंकि क्रोध अधिक बढ़ने पर शस्त्री अपने हथियार का प्रयोग कर विरोध करने वाली की जान ले सकता है।
2- मर्मी :
जो व्यक्ति आपके अंतरंग राज जानता हो यानी मर्मी या लंगोटिया यार जो हमारे सभी रहस्यों को जानता है उस व्यक्ति से विरोध नहीं करना चाहिए। क्योंकि कहते हैँ विभीषण रावण के राज जानता था जो भगवान राम को बता दिए थे। इसी कारण से रावण युद्ध में मारा गया था।
3- प्रभु:
यानी मालिक या राजा से शत्रुता नहीं करनी चाहिए। क्योंकि उसके पास अपार शक्ति होती है वह आपका बड़ा नुकसान कर सकता है।
4 – सठ:
यानी मूर्ख व्यक्ति से बुराई नहीं करनी चाहिए। शास्त्रों में तो ऐसे लोगों से दोस्ती करना भी अच्छा नहीं माना गया है। मूर्ख व्यक्ति उसे मान सकते हैं जिसे अपने ही हित या अहित के बारे में ज्ञान न हो।
5- धनी :
बहुत ही अमीर व्यक्त के साथ पंगा नहीं लेना चाहिए। क्योंकि वह कानून और न्याय को भी खरीद सकता है।
6- वैद्य :
यानी डॉकटर से कभी झगड़ा नहीं करना चाहिए। नहीं तो वह कभी भी आपको संकट में डाल सकता है।
7- बंदि:
यानी याचक या इधर-उधर खबर देने वाले। ऐसे व्यक्ति से भी बुराई करना ठीक नहीं माना जाता
8- कवि :
कवि की श्रेणी में पत्रकार, वक्ता और लेखक को भी ले सकते हैं। इन लोगों से भी दुश्मनी नहीं करना चाहिए।
9 – खाना बनाने वाला/वाली –
रसोइया यानी कुक से भी कभी बुराई नहीं करना चाहिए। अन्यथा आपको हानिकारक भोजन दे सकता है।