Wednesday, July 3, 2024
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साइकिल से भारत भ्रमण: कर्नाटक के चित्रगुडा से निकला युवक पहुँचा गरियाबंद, अंजान दोस्त की यादें ले कर निकल पड़ा अपने अगली मंज़िल की ओर

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साइकिल से भारत भ्रमण: कर्नाटक के चित्रगुडा से निकला युवक पहुँचा गरियाबंद, अंजान दोस्त की यादें ले कर निकल पड़ा अपने अगली मंज़िल की ओर

जीवन की वास्तविकता को समझने कर्नाटक के चित्रगुडा का युवक भारत भ्रमण को साइकिल से निकल पड़ा

किताबी ज्ञान से परे हटकर जीवन के यथार्थ को समझने कर्नाटक का युवक भारत भ्रमण पर निकला है।

ये है असली भारत मिलते है आज अफ़रोज़ मेमन और ऊनके 10 मिनट के अंजान दोस्त से,

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तस्वीर में सायकल में बैठा ये नौजवान कर्नाटक से आया है ये नौजावन सायकल से भारत भ्रमण को निकला है भारत की संस्कृति और अलग अलग राज्यों में रहने वालों के कल्चर को जीना चाहता है अलग अलग राज्यों में कैसे लोग अपना जीवन यापन करते है उनके रहन सहन को क़रीब से महसूस करना चाहता है,

ये उसके जीवन का लक्ष्य है वो लगभग 300 दिन से लगतार सायकल से अपने यात्रा पर निकला हुआ है जो सात रज्यों से घूमने के बाद आज गरियाबंद पहुँचा और रास्ते पर उनकी मुलाक़ात रायपुर रोड स्थित सन राइस इड्रस्टीज के ओनर अफ़रोज़ मेमन से हुआ अफ़रोज़ और सुदर्शन के बीच बातों का सिलसिला आगे बढ़ा साथ में चाय नास्ता का दौर चला भारत भ्रमण में निकला 23 वर्षीय सुदर्शन ने बतलाया, अपनी यात्राके बारे में वो कैसे इस सफ़र पर निकला उसने बतलाया की वो रास्ते में कमाता है कही पर पेंट कर लिए तो कही मज़दूरी कर लिए तो कही सफ़ाई का काम कर लिए और उन्ही पैसों से अपनी ज़रूरत का समान ले कर अपने अगले मंज़िल की ओर निकल पड़ता है,

उसने अपनी सायकल को ही पूरा अपना घर बना लिया है सायकल में टेंट हाउस और कुछ सायकल रिपेरिंग का समान रखा हुआ है जहाँ थकान लगी अपना टेंट लगा कर आराम कर लिए भारत भ्रमण में निकला सुदर्शन सिर्फ़ 23 साल का है उनका कहना है,मै भारत को जीना चाहता हूँ मुझे वो हर चीज़ देखना है जो मैंने किताबों में पढ़ा है मै भारत को किताबों में य टीवी पर नहि देखना चाहता ये मेरी जीवन का लक्ष्य है मै पूरा भारत घूमना चाहता हूँ अपनी सायकल पर,फ़िलहाल मैंने 300 दिनो में सात राज्यों को देखा है आने वाले दो सालो के मै पूरे भारत भ्रमण का सपना मेंरॉ पूरा हो जाएगा,

बात यही ख़त्म नहि होती जब ये नौजवान सारी बात बतलाने के बाद जब अपनी अगली मंज़िल को निकला अफ़रोज़ भाई ने चुपके से इस नौजावन के जेंब में हज़ार रुपए डाल दिए उसके मना करने के बाद भी अफ़रोज़ मेमन ने उसे ज़िद पैसा दिया और साथ में अपना फ़ोन नम्बर भी दिया और क़हाँ मेरे भाई छत्तिशगढ के अंदर अगर किसी भी चीज़ की तकलीफ़ होगी तो मुझे फ़ोन करना,और फिर नौजवान अफ़रोज़ मेमन और गरियाबंद की मीठी यादें ले कर निकल पड़ा अपने अगली मंज़िल की ओर…..

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