
नगर निगम में 2 सूत्री एजेंडों को लेकर आज खालसा पब्लिक स्कूल में बुलाई गई विशेष सम्मेलन की बैठक में विपक्षी ही नही सत्तापक्ष के पार्षदों को भी बोलने तक का अवसर नहीं देने व बगैर चर्चा कराए कांग्रेसी परिषद के नाकामियों को छिपाने बहुमत के दम पर 10 मिनट में सभापति राजेश यादव द्वारा दुर्ग शहर की जनता के लिए महत्वपूर्ण जातिगत आर्थिक जनगणना व जाति प्रमाण संबंधी एजेंडा को पारित कर बैठक समाप्त कर देने से आक्रोशित भाजपा पार्षदो ने इसे दुर्ग निगम ईतिहास में सबसे बड़ा काला दिन व लोकतंत्र का गला घोंटने वाला बताते हुए सभागार के बाहर दरवाजे पर बैठकर महापौर व सभापति के सद्बुद्धि के लिए रघो पति राजा राम सबको सद्बुद्धि दे भगवान गाकर विरोध प्रकट किया तथा इस मुद्दे को लेकर अब जनता तक जाने की व महापौर के खिलाफ आंदोलन की घोषणा किया ।
इस सम्बंध मे भाजपा पार्षद नरेंद्र बंजारे गायत्री साहू देवनारायण चंद्राकर चंद्रशेखर चंद्राकर,काशीराम कोसरे,नरेश तेजवानी ओम प्रकाश सेन अजीत वैद्य मनीष साहू चमेली साहू लीना दिनेश देवांगन शशि द्वारिका साहू पुष्पा गुलाब वर्मा हेमा शर्मा कुमारी साहू ने संयुक्त रूप से जारी बयान में कहा कि निगम मे महापौर धीरज बाकलीवाल के 5 वर्ष के कांग्रेसी परिषद में जनता बेहाल है बरसात की पूर्व होने वाली छोटी बड़ी नालियों की सफाई नहीं होने के कारण जगह-जगह गंदगी का अंबार है लोगों के घरों में पानी घुस रहा है तो वही उनके पूरे कार्यकाल में जनता को पीने के पानी के लिए गर्मी से लेकर बरसात तक तरसना पड़ रहा है शहर में जगह-जगह गड्ढे हैं और छोटी बड़ी पुल पुलिया टूटे होने व मरम्मत कार्य नही होने से जनता बेहद परेशान है इन्ही सभी मूलभूत समस्यायों को लिए जनता की आवाज बनकर पार्षदगण इस पर चर्चा करना चाहती थी
जिसपर निगम सभापति को परंपरानुसार निगम सदन की बैठक में पार्षदों से स्वस्थ्य व दलगत भावना से ऊपर उठकर सुझाव लेना था किंतु महापैर धीरज बाकलीवाल के ढाई साल के कार्यकाल में चारो तरफ हो रही लचर व्यवस्था व समस्यायों से जुझ रही जनता की आवाज पार्षदो के माध्यम से सदन में न गूंजे इसलिए पूर्व नियोजित साजिश के तहत निगम की बैठक सामान्य सभा के स्थान पर निगम अधिनियम को तक पर रखकर बैठक को विशेष सम्मेलन का नाम दिया गया व योजनानुसार बगैर किसी पार्षदो की बाते सुने सभापति द्वारा एजेंडे में शामिल दोनों महत्वपूर्ण विषय जिनमे से शहर के पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए कराए गए सर्वे सूची जिसमे कई महत्वपूर्ण सुझाव आ सकते थे और इनके त्रुटियों पर भी ध्यान दिया जा सकता था
साथ ही जातिगत प्रमाण पत्र जारी करने में वंचितो के लिए भी अच्छे सुझाव मिलते इन सभी विषयों को दरकिनार कर विपक्ष तो दूर सत्ता पक्ष के पार्षदो को भी बोलने के अवसर दिए बगैर 10 मिनट मे बहुमत से पारित कर समाप्त करना लोकतंत्र के साथ कुठाराघात है।
सभापति के इस कृत्य को भाजपा पार्षदो ने बेहद ही असंसदीय व हिटलरशाही का उदाहरण बताया है भाजपा पार्षदो ने आगे कहा कि ढाई साल में एक भी साधारण सभा की बैठक का साहस नही कर पाने वाले सत्ताधीश कांग्रेसी परिषद मे जनहित के मुद्दे को लेकर सदन में भाजपा पार्षद आवाज ना उठा सके इसको लेकर महापौर ने आज फिर अपने कमजोरियों का परिचय देते हुए सभापति राजेश यादव के माध्यम से पार्षदों को जनहित के बाद रखने का अवसर नही दिया बल्कि बहुमत के दादागिरी के बल आनन-फानन में बैठक समाप्त कर पलायन कर गए ये और ये उनकी निम्न मानसिकता को दर्शाता है इस प्रकार जनता से जुड़े सवालों पर दादागिरी कर लोकतंत्र का गला घोट रहे भाजपा पार्षद इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी बल्कि अब सड़क की लड़ाई लड़ जनता को उनकी असलियत बताएगी।