
रायपुर। raipur महंगे सब्जियों के दाम ने पहले से खाने का स्वाद बिगाड़कर रखा दिया है, ऐसे में एक बार फिर तेल के बढ़ने वाले दाम ने मध्यमवर्गी परिवार के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाली है. जानकारी अनुसार आने वाले समय में फिर तेल के दाम में इजाफा होने को है, जिसकी चर्चा तेज हो गई है। बढ़ती महंगाई के बीच में तेल एक बार फिर लोगों को परेशान करने का लौट रही है, इंडिया रेटिंग रिसर्च india rating research की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोनेशिया की तरफ से क्रूड पाम ऑयल और तैयार पाम ऑयल के निर्यात पर रोक लगाने के कारण आने वाले कुछ महीनों में तेल की कीमत में डबल डिजिट की बढ़ोतरी होगी.
इसके अलावा रूस और यूक्रेन क्राइसिस का भी इसकी कीमत पर असर होगा. इंडोनेशिया ने पहले तैयार पाम ऑयल के निर्यात पर रोक लगाया. डोमेस्टिक मार्केट में आसमानी कीमत पर लगाम कसने के लिए उसने यह फैसला लिया था. बाद में उसने कच्चे तेल के निर्यात पर भी बैन लगाने का फैसला किया जिसके कारण खलबली मच गई है. इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा ऑयल एक्सपोर्टर है. उसके इस फैसले से खाने के तेल का भाव पूरी दुनिया में बढ़ेगा
इंडोनेशिया के फैसले के कारण ग्लोबल मार्केट में हर महीने 2 मिलियन टन पाम ऑयल की सप्लाई घट जाएगी. यह ग्लोबल मंथली ट्रेड वॉल्यूम का आधा है. पाम ऑयल की सप्लाई घटने से दूसरे तेलों की मांग बढ़ेगी और इस तरह खाने के सभी तेल महंगे हो जाएंगे. इंडिया रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, बैन के फैसले से भारत में पाम ऑयल की सप्लाई 50 फीसदी प्रभावित होगी. इसके कारण महंगाई में भी तेजी आएगी.
एक तरफ डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट जारी है. दूसरी तरफ इंपोर्ट बढ़ता जा रहा है जो सरकार के सामने डबल चुनौती है. गिरते रुपए से आयात बढ़ाना सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द है. वैसे भी कोरोना काल में सप्लाई की समस्या के कारण एडिबल ऑयल की कीमत में भारी उछाल आया था. तीन सालों तक डिमांड के मुकाबले प्रोडक्शन कम रहा जिसके कारण इन्वेन्ट्री घट गया है.